Sunday 29 September 2024

खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता जागरूकता जरूरी

देवानंद सिंह 


खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट के बढ़ते मामले काफी चिंताजनक हैं। खासकर उत्तर प्रदेश में, जहां खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे थे। इन आरोपों के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी खाद्य दुकानों पर संचालक, प्रबंधक और मालिक का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है। इसके अलावा सरकार ने होटलों, रेस्तरां और खाद्य सामग्री बेचने वाली दुकानों पर काम करने वाले शेफ़ और कर्मचारियों के लिए मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी अनिवार्य करने और सीसीटीवी कैमरा लगाने के आदेश भी दिए हैं। 


निश्चित रूप से, यह आदेश न केवल खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है, बल्कि यह उपभोक्ता जागरूकता को भी बढ़ावा देगा। उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकानदारों को बड़े-बड़े स्पष्ट अक्षरों में नाम लिखने के आदेश दिए थे, जिन पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी, हालांकि तब सीसीटीवी कैमरा, मास्क और दस्ताने की बात शामिल नहीं थी।



इस कड़ी में नए आदेश का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पहलू खाद्य सुरक्षा है। खाद्य मिलावट के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। मिलावट के कारण न केवल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता घटती है, बल्कि यह कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसलिए, जब उपभोक्ताओं को यह जानकारी मिलेगी कि उनके द्वारा खरीदे गए खाद्य पदार्थों का संचालक या मालिक कौन है, तो वे आसानी से शिकायत कर सकेंगे और जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में मदद कर सकेंगे। दूसरा पहलू उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ावा देने का है। जब उपभोक्ता जानेंगे कि किसके द्वारा उनके खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं, तो वे अधिक सजग होंगे। यह पहल उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगी और उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाएगी।


इस आदेश का सामाजिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। खाद्य सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ताओं में एक नया विश्वास पैदा होगा। जब लोग जानेंगे कि खाद्य सामग्री का स्रोत क्या है, तो वे न केवल सुरक्षित खाद्य पदार्थ खरीदने के लिए प्रेरित होंगे, बल्कि यह स्थानीय व्यापारियों के लिए भी एक प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति का निर्माण करेगा। वहीं, आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह आदेश महत्वपूर्ण है।


खाद्य व्यवसाय करने वालों को अपने कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्हें अपने उत्पादों की गुणवत्ता और प्रमाणिकता को बनाए रखने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इससे बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा, जो अंततः उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा। निश्चित रूप से आम नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए यह एक सकारात्मक पहल है। सरकार ये कर रही है तो बहुत सोच-विचार कर ही कर रही होगी। इसे लागू करने के लिए जो भी ज़रूरी क़दम हैं, वो उठाए जाने चाहिए और क़ानून और संविधान के दायरे में रहकर ही कार्रवाई की जानी चाहिए। 


जहां तक इस आदेश का बाजार पर पड़ने वाले प्रभाव को देखें तो उसे कई दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। सबसे पहले, यह खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने का एक तरीका है। जब खाद्य विक्रेता जानेंगे कि उन्हें अपनी पहचान प्रदर्शित करनी है, तो वे अधिक सतर्क रहेंगे और अपने उत्पादों में मिलावट करने से बचेंगे। इससे बाजार में गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी।दूसरा, उपभोक्ताओं की मांग में बदलाव आ सकता है। जब उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे, तो वे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की मांग करेंगे, इससे बाजार में उन विक्रेताओं को बढ़ावा मिलेगा जो उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ प्रदान करते हैं, जबकि मिलावट करने वाले विक्रेताओं को नुकसान होगा।


कुल मिलाकर यही कहा जाना चाहिए कि उत्तर प्रदेश सरकार का खाद्य दुकानों पर संचालक, प्रबंधक और मालिक का नाम प्रदर्शित करने का आदेश एक महत्वपूर्ण कदम है, जो खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ावा देने में सहायक होगा। यह न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक स्वस्थ बाजार व्यवस्था का निर्माण करने में भी सहायक होगा। यदि, इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो यह खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार और उपभोक्ताओं के विश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस आदेश का सही पालन किया जाए और सभी संबंधित पक्ष इस प्रयास में भागीदार बनें। केवल तभी हम एक सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य वातावरण की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

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