Thursday 5 September 2019

ना भ्रष्टाचार, ना वंशवाद, ना नक्सलवाद रघुवर के नेतृत्व में युवा हुआ झारखंड

ना भ्रष्टाचार, ना वंशवाद, ना नक्सलवाद 
रघुवर सरकार के नेतृत्व में युवा हुआ झारखंड
देवानंद सिंह
2014 में जब झारखंड की कमान मजदूर से नेता बने रघुवर दास को मिली थी तो शायद ही किसी ने यह कल्पना भी की थी कि मुख्यमंत्री रघुवर दास अपना ऐतिहासिक कार्यकाल पूरा करेंगे या फिर यूं कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शपथ ग्रहण के दौरान ही इतिहास रचने का प्रण ले लिया था ।

भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड की, जो कल्पना मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की थी, उसे पूरा करने के लिए पहले दिन से ही उन्होंने एक सशक्शत टीम का गठन किया और सरकार को इसमें पहले दिन से कई सफलताएं भी मिलीं। झारखंड के बाहर अब यह बात होने लगी है कि झारखंड में ना भ्रष्टाचार, ना वंशवाद, ना नक्सलवाद। सिर्फ विकास की राह पर चल रहा है झारखंड। देश में कई ऐसे मौके आए हैं, जब प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों ने खुले मन से यह कहा कि विकास देखना है, तो झारखंड में जाकर देखें। हम यह कह सकते हैं कि झारखंड अब किशोरावस्था की दहलीज को पार करके युवा हो चुका है। प्रस्तुत है झारखंड के विकास का लेखा-जोखा राष्ट्र संवाद की नजरों से।
विकास कार्यों की ठोस नींव के कारण, भाजपा कार्यकर्ता कभी भी चुनाव के लिए तैयार रहता है। झारखंड या देश के अन्य हिस्सों में। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास की राजनीति को देखा और स्वीकार किया है।

कमजोर विपक्ष के कारण झारखंड में भाजपा 65 + के टारगेट को लेकर चल रही है। विगत एक माह के दौरान विपक्ष की, जो गतिविधियां रही हैं, उसे देखकर यह साफ हो चला है कि चुनाव तक विपक्ष में बिखराव ही रहेगा। झारखंड नामधारी पार्टियों पर मुख्यमंत्री रघुवर दास का करारा प्रहार व सशक्त रणनीति के कारण विपक्ष को धराशाई करने में कामयाब रहा है । झारखंड में अब विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने ही वाली है। अन्य पार्टियां जहां अभी लोकसभा चुनाव की थकान उतारने में व्यस्त हैं, वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी अभी से 65 + की तैयारी में जुट गई है। अपने 5 साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विकास की गंगा बहा दी है। रघुवर दास के नेतृत्व में हर क्षेत्र में विकास हुआ, जो धरातल पर दिखाई दे रहा है।

शुरूआत रोजगार से करते हैं। रघुवर दास के नेतृत्व में पिछले 5 सालों में 35 लाख से अधिक झारखंड वासियों को रोजगार और स्वरोजगार मिला। यह अब से पहले कभी नहीं हुआ था। अब यह कृषि क्षेत्र की बात करते हैं। 2013-14 में झारखंड की कृषि फसल विकास दर 4.5 थी, वहीं जो रघुवर सरकार के कार्यकाल में 2016-17 में 14.2 परसेंट यानि 19 परसेंट की हो गई। अब तो सरकार ने भी तय किया है कि किसानों को खरीफ की फसल के लिए हर वर्ष 5000 रुपए दिए जाएंगे । 2250 करोड़ की इस योजना से 2276000 किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा। सिर्फ यही नहीं, किसानों के फसल बीमा का प्रीमियम भरने वाला झारखंड इकलौता राज्य है ।
अब थोड़ी चर्चा स्वास्थ्य की भी कर ली जाए। सरकार से पहले आमजन के स्वास्थ्य की चिता किसे थी ? लेकिन रघुवर सरकार में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के तहत राज्य के 57 लाख परिवारों का 5 लाख का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कराया गया। अब तक 18000 से अधिक झारखंड वासियों का मुफ्त इलाज हो चुका है। सिर्फ यही नहीं, आज झारखंड में लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस 329 निशुल्क 108 एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे जरूरत मंदों की सेवा कर रही है। अब तक 1 लाख 25 हजार मरीजों को त्वरित इलाज मिला है। 5 नए मेडिकल कॉलेज, देवघर में आइम्स और रांची में कैंसर अस्पताल का निर्माण जारी है, जो 2019 में पूरा हो जाएगा।
अब आइए बिजली की बात करते हैं। 2014 तक सिर्फ 38 लाख घरों तक ही बिजली पहुंची थी और मात्र 30 ग्रिड सब-स्टेशनों का निर्माण हुआ था। यही आज झारखंड का हर गांव बिजली से रोशन है और 67 लाख घरों तक बिजली पहुंचा दी गई है। सिर्फ 4 साल में ही 10 ग्रिड सब-स्टेशन का निर्माण हुआ है और 60 का निर्माण जारी है, जो 2019 में पूरा हो जाएगा ।
अब आइए बात तरक्की करते हैं। झारखंड बनने के 14 सालों में, जहां 3103 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ और प्रतिदिन सिर्फ 1.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता था।झारखंड बनने के पहले 14 सालों में, जहां मात्र 147 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण हुआ, वहीं रघुवर सरकार में साढ़े 4 साल में 3698 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ। आज झारखंड में प्रतिदिन 3.18 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है। रघुवर सरकार में ही झारखंड में 111 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण हो चुका है।
रघुवर सरकार के कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी पहल हुई है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन कईयों का गैस कनेक्शन मिल चुके हैं। अब तक 26 लाख से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। महिलाओं के नाम पर 50 लाख तक की जमीन / मकान की रजिस्ट्री सिर्फ एक रुपए में होती है। अब तक 1 लाख 20 हजार महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है।
अब आइए शिक्षा के क्षेत्र की बात करते हैं। 2014 में झारखंड के सिर्फ 3269 स्कूलों में बेंच- डेस्क थे, वहीं 2014 में झारखंड में ड्रॉपआउट दर 5.31 थी। वहीं, आज झारखंड के सभी 34940 स्कूलों में बेंच, डेस्क, बिजली और शौचालय की सुविधा मुहैया कराई जा चुकी है। साढ़े 4 साल में झारखंड जीरो ड्रॉपआउट राज्य बन चुका है।
  आइए अब झारखंड में रहने वाले आदिवासी समाज के विकास की बात भी कर लेते हैं। साढ़े 4 साल से ज्यादा की रघुवर सरकार में झारखंड में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कानूनन जुर्म है। राज्य में पहली बार अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया जा रहा है। इस वर्ष 30 लाख से ज्यादा बच्चों को 527 करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई। आदिवासी बहुल गांव में आदिवासी ग्राम समिति का गठन जो 5 लाख रुपए तक के विकास खुद करती है, इसके अलावा आदिम जनजाति समाज को गामीण डाकिया योजना के तहत घर पर प्रतिमान 35 किलो अनाज पहुंचाया जाता है, सिर्फ यही नहीं, झारखंड की रघुवर सरकार आदिवासी समाज के साथ-साथ अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए भी कृत संकल्प है। झारखंड में रघुवर सरकार के कार्यकाल में पहली बार अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया है। सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले एससी/एसटी के छात्र को 1 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि वो मुख्य परीक्षा की तैयारी कर सकें। आदिवासी और अनुसूचित जाति के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के प्रति भी रघुवर सरकार सचेत है। इसीलिए तो पहली बार झारखंड में पहली बार पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम का गठन होने जा रहा है, पिछड़ा वर्ग का संरक्षण कराया जा रहा है, इसके आधार पर उनकी आबादी के अनुरूप आरक्षण सहित अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।
  अब अल्पसंख्यक समाज की बात कर लेते हैं। क्या 2014 से पहले अल्पसंख्यक समाज की सुध किसी ने ली ? रघुवर सरकार के कार्यकाल में रांची में 55 करोड़ की लागत से आधुनिक हज हाउस का निर्माण हो रहा है। सिर्फ यही नहीं रघुवर सरकार के पिछले साढ़े 4 साल में 11352 यात्रियों को हज यात्रा पर भी भेजा गया।
जरा सोचिए 2014 से पहले झारखंड में भ्रष्टाचार और नक्सलवाद की क्या स्थिति थी, वह रघुवर सरकार पर पिछले साढ़े 4 साल से ज्यादा से भी ज्यादा समय में भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा। सिर्फ यही नहीं, पिछले साढ़े 4 सालों में भ्रष्टाचार के मामलों में 350 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और आज नक्सलवाद भी झारखंड में आखिरी सांसे गिन रहा है।
  इस तरह हम यह कह सकते हैं कि झारखंड निर्माण के पिछले 19 सालों में रघुवर सरकार के साढ़े 4 से ज्यादा सालों विशाल के दिशा में मील का पत्थर सरकार के कार्यकाल में हुए चुनाव में 65 + का लक्ष्य सफल होता दिख रहा है।

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