देवानंद सिंह
आखिरकार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की सियासी मैदान में एंट्री हो गई है, बकायदा, उन्हें दुमका से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशी बना दिया गया है, जिस तरह उन्होंने भावुक होकर लोगों के बीच अपना संदेश पहुंचाया, वह आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए बहुत बड़ी संजीवनी का काम कर सकता है। गिरिडीह की धरती पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के 51वें स्थापना दिवस समारोह में जिस अंदाज में उन्होंने पार्टी का झंडा लहराया, वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रदेश की जनता को भावुक करने वाला क्षण था, क्योंकि कल्पना सोरेने ने खुद ही बहुत ही भावुक अंदाज में अपना संबोधन दिया। उनकी इस अंदाज में की गई एंट्री को किसी धमाकेदार एंट्री से कम नहीं माना जा सकता है, जो निश्चित ही लोकसभा चुनावों में भाजपा को लिए परेशानी का सबब बनेगा।
कल्पना सोरेन ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलकर भाजपा को सीधे चुनौती देते हुए, उसके वोट बैंक में सेंध लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सूबे में जब से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी, तभी से दिल्ली में बैठी केंद्र की सरकार ने साजिश रचना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि जैसे-तैसे जन-जन के नेता हेमंत सोरेन को फंसाने की साजिश रची जाने लगी, केंद्र की मोदी सरकार झारखंडियों की अस्मिता के रक्षक हेमंत को झुकाने पर अड़ी रही। हेमंत ने झारखंड की अस्मिता बचाने के लिए झुकना वाजिब नहीं समझा तो उन्हें जेल में डाल दिया गया।
उन्होंने आगे भावुक अंदाज में कहा, रविवार को वह अपने जन्मदिन पर जेल गई और हेमंत से मिलीं। हेमंत ने उनके कांधे पर हाथ रखा और कहा कि हिम्मत नहीं हारना है। हेमंत ने कहा कि उन्हें जेल भेजा गया है, वे अभी जीवित हैं, हमें केंद्र की दमनकारी नीतियों से हर हाल में लड़ना होगा। निश्चित तौर पर कल्पना सोरेन की एंट्री सियासी तौर पर इसीलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आने वाले दिनों में लोकसभा का महत्वपूर्ण चुनाव होना है और भाजपा के किले की ध्वस्त करने का गठबंधन हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन भाजपा ने कई ऐसे मुद्दों के माध्यम से गठबंधन की राजनीति का ध्वस्त करने का हर संभव प्रयास किया है, ऐसे में झारखंड जैसे आदिवासी बाहुल्य राज्य में सियासी हवा कल्पना सोरेन के चुनाव मैदान में उतरने से न बदले, इससे बिल्कुल भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
कल्पना सोरेन ने भी इसे खुलेतौर पर जाहिर करने का प्रयास किया कि हेमंत की गिरफ्तारी से झारखंड की एक-एक जनता गुस्से में है। इस गुस्से को दबाना है और एक-एक वोट से केंद्र की सरकार को जवाब देना है। कल्पना सोरेने ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने हेमन्त जी को जेल में नहीं डाला है, बल्कि झारखण्ड के स्वाभिमान और आत्म-सम्मान को जेल में डाला है, इसका करारा जवाब मिलेगा। आने वाले वक्त में इसका करारा जवाब दिया जायेगा। आगे उन्होंने और भावुक अंदाज में कहा- मैं सोच कर आयी थी कि जैसा हेमन्त जी ने माननीय विधानसभा में कहा था कि "मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, आंसू वक्त के लिए रखूंगा। केंद्र की भाजपा सरकार के लिए आंसू का कोई मतलब नहीं है।
आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक के आंसुओं का इनके सामने कोई मोल नहीं है।", मैं भी आंसू नहीं बहाऊंगी। मगर, आप सभी के अथाह स्नेह और आशीर्वाद के सामने मैं अपने-आप को रोक न सकी। उन्होंने आगे कहा, जब तक झारखण्डी योद्धा हेमन्त सोरेन जी केंद्र सरकार और बीजेपी के षड्यंत्र को परास्त कर हम सब के बीच नहीं आ जाते, तब तक उनका यह एकाउंट, मेरे, यानी उनकी जीवन साथी कल्पना मुर्मू सोरेन द्वारा चलाया जाएगा। हमारे वीर पुरुखों ने अन्याय और दमन के खिलाफ हूल और उलगुलान किया था, अब फिर वह वक्त आ गया है।
झारखण्डवासियों और झामुमो परिवार के असंख्य कर्मठ कार्यकर्ताओं की मांग पर मैं सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कर रही हूं। जब तक हेमन्त जी हम सभी के बीच नहीं आ जाते तब तक मैं उनकी आवाज बनकर आप सभी के बीच उनके विचारों को आपसे साझा करती रहूंगी, आपकी सेवा करती रहूंगी। आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद पूर्व की भांति बना रहे। इस बीच उन्होंने लड़े हैं, लड़ेंगे! जीते हैं, जीतेंगे! का संदेश देकर चुनावी बिगुल भी फूंक दिया। कल्पना सोरेन की भावुकता में सभा में उपस्थित जनता भी भावुक हो गई और जिस तरह जनता ने उन्हें समर्थन किया, वह भी अपने-आप में अद्भुत था। मौजूद भीड़ ने भी उन्हें समर्थन देते हुए कहा, जेल का ताला टूटेगा, हेमंत सोरेन छूटेगा, जो इस बात का साफतौर पर दर्शा रहा था कि आगामी चुनावों को लेकर राज्य की जनता का क्या मूड है, निश्चिततौर पर कल्पना सोरेन की सियासी मैदान में एंट्री से झारखंड की सियासी तस्वीर बदलती हुई नजरर आने लगी है। हेमंत सोरेन के जेल चले जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि झारखंड में बीजेपी विपक्ष का सूपड़ा साफ कर सकती है, लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है, बल्कि अब परेशानी भाजपा के लिए खड़ी होने वाली है, क्योंकि कल्पना सोरेन ने जिस अंदाज में जनता से आशीर्वाद मांगा, उसे प्रदेश की जनता स्वीकार न करे, ऐसा संभव नहीं दिखता है।
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