Monday 4 October 2021

लखीमपुर घटना : दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई करे योगी सरकार...

  देवानंद सिंह

   लखीमपुर की घटना ने एक बार फिर यूपी की सियासत को  गरमा दिया है। यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह घटना सियासतदानों के लिए फायदा का सौदा बनेगी। किसानों से लेकर पूरे विपक्ष को योगी सरकार के खिलाफ एक ऐसा हथकंडा मिल गया है, जिसके नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा। हमारे देश के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण विषय है कि जब चुनाव का वक्त आता है तो ऐसी घटनाएं आम हो जाती हैं,



 क्योंकि ऐसी घटनाओं से सरकार की बदनामी होती है। सरकार का जहां, काम पर फोकस होता है, वह ऐसी घटनाओं के पीछे लग जाता है, जबकि विपक्ष के पास कोई काम नहीं होता है, इसीलिए वह हर संभव सरकार को कोसने का काम करता है। मजे की बात यह है कि जितना भी विपक्ष होता है, उसके नेता तब ही एक्टिव होते हैं, जब चुनाव नजदीक आते हैं। अगले साल यूपी विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, इसीलिए सारे विपक्षी नेता हर घटना को लेकर इतने एक्टिव हो गए हैं कि जैसे उन्हें लग रहा है कि कहीं उनकी थाली का खाना न छिन जाए। यही कोरोना काल चल रहा था, ये सारे नेता जैसे बिलों में छुपे हुए थे। कोई भी नेता जनता का दुख दर्द बांटने बाहर नहीं आया और लेकिन अभी अपनी सियासत को साधने के लिए हर जगह पहुंच रहे हैं, 



क्योंकि चुनाव नजदीक हैं, इसीलिए लखीमपुर की घटना पर कैसे सियासत कम हो सकती है। चाहे कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी हों, सपा नेता अखिलेश यादव हों, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा हूं या फिर सो कॉल्ड किसान नेता, जो पूरी विपक्ष की  राजनीति को साधने में लगे हुए हैं, सारे के सारे मौके पर पहुंचने में लगे हुए हैं। प्रियंका गांधी, सतीश चंद्र मिश्रा जैसे नेताओं को फिलहाल हिरासत में रखा गया है, जिसको लेकर भी इन पार्टियों के कार्यकर्ता सरकार का विरोध कर रहे हैं। लखीमपुर की इस घटना में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल भी हैं। ऐसी घटनाएं किसी भी देश और राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं। पर ऐसी घटनाएं अचानक नहीं होती हैं, बल्कि इसके पीछे कई राजनीतिक साजिशें भी काम करतीं हैं। लखीमपुर की घटना के पीछे भी ऐसे ही तत्वों का हाथ दिखता है। सरकार इस मामले में सख्ती से कदम उठाए। कौन ऐसे तत्त्व हैं, उनका तत्काल पता लगाया जाए, जिससे वो तत्व सलाखों के पीछे पहुंच जाए, जो किसानों और आम लोगों के कंधों पर बंदूक रखकर अपना हित साधने में लगे हुए हैं और राज्य का सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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