Monday 21 January 2019

राष्ट्र संवाद के 19 वें स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल

राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्र संवाद की पूरी टीम को 19 वर्षों तक अथक संवाद स्थापित करने के लिए बधाई। राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करना मीडिया के ईमानदार कार्यों पर निर्भर है। भारतवर्ष की राष्ट्रीय चेतना को सजग बनाने में मीडिया ने आशातीत योगदान दिया है। मीडिया का दायित्व है कि जनमानस को सजग एवं जागरूक कर राष्ट्र के विकास में भूमिका निभाए। सत्य, सामाजिक दायित्व और विश्वसनीयता तीनों का समावेश होना अत्यंत ही जरूरी है। मीडिया आज सामाजिक, राजनीतिक, साहित्यिक, खेलकूद जगत, व्यवसाय, विज्ञान, धर्म इत्यादि सभी क्षेत्रों में पूर्ण रूप से प्रवेश कर चुकी है जो समाज के लिए शुभ संकेत है।


राज्यपाल ने कहा कि निष्पक्ष एवं निर्भीक होकर विभिन्न विषयों में जनमानस को जाग्रत करने में मीडिया की भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रेस का लक्ष्य महान होना चाहिए उसे सच्चा समाजसेवक होना चाहिए। पत्रकार बंधु समाज की रीढ़ हैं, देश और समाज का नेतृत्व करते हैं। सर्वविदित है कि बुद्धिजीवियों का महत्व निर्विवाद है उन्हें समाज में दायित्वों के प्रति जागरूक होना चाहिए और लोगों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बुद्धिजीवियों और पत्रकारों में अपनी भूमिका को भलीभांति समझा है। उन्होंने कहा कि  समाचार पत्रों में आम आदमी की सुरक्षा उनके विकास एवं अधिकारों की बात को मुखर करना मीडिया का दायित्व है। बाजार संस्कृति में पत्रकारिता सामाजिक सद्भाव की भी प्रमुख प्रवक्ता है। देश की संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में तथा एक राष्ट्र के रूप में देश को सहेज कर रखने में समाचार पत्रों की महती भूमिका है। शहर से लेकर गांव तक आज घने जंगलों में भी मीडिया का प्रभाव पहुंच गया है। आज के समय में मीडिया का प्रभाव लोगों के अंदर इतना अधिक है कि लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है।


राज्यपाल ने कहा कि देश को आगे लाने में युवा संपादकों की भूमिका सराहनीय होनी चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि आप जितने भी युवा संपादक आए हैं अपनी भूमिका को समझें। राज्यपाल ने कहा कि मीडिया संस्थान लोगों की समस्याओं को सरकार की नजरों में ला सकते हैं और सरकार की जो उपलब्धियां, कमियां और खामियां हैं उन्हें भी लोगों के सामने ला सकते हैं। यह एक सेतु का काम करते हैं यह सेतु सशक्त होना चाहिए इसलिए इसे लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ भी कहा गया है। चतुर्थ स्तंभ कमजोर नहीं होना चाहिए। इसे मजबूत होना चाहिए और किसी से प्रभावित नहीं होना चाहिए।

*सांसद श्री विद्युत वरण महतो का संबोधन*
सांसद श्री विद्युत वरण महतो ने कहा कि राष्ट्र संवाद शुरुआत के दिनों से ही लगातार प्रकाशन में है। लगातार संघर्ष करते हुए और कम समय में अनेक उपलब्धियां हासिल की। समाज के प्रति इनका समर्पण भाव देखने को मिलता है इतने कम संसाधनों में भी दूरदराज के क्षेत्रों की खबरों को भी बखूबी प्रस्तुत किया।

*मंत्री श्री सरयू राय का संबोधन*
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग, झारखंड सरकार के मंत्री श्री सरयू राय ने कहा कि राष्ट्र संवाद से हम सभी अच्छी तरह परिचित हैं। इन्होंने सतत प्रकाशन का 19 वां वर्ष पूर्ण किया है। यह इनके सजग और सतत प्रयासों का प्रतिफल है। मंत्री सरयू राय ने राष्ट्र संवाद परिवार को बधाई देते हुए कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में इसी तरह से यह पत्रिका अपनी सभी विशेषताओं के साथ हम सभी के बीच आती रहेगी। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता जगत की कई कठिनाइयों से रूबरू होते हुए राष्ट्र संवाद आज हम सभी के पास पहुंची है। उन्होंने कहा कि लघु पत्रिकाओं से यह उम्मीद रहती है कि जिन महत्वपूर्ण खबरों को बड़े अखबारों में स्थान नहीं मिल पाता उन खबरों से भी हम वाकिफ होंगे। अखबार समाचारों का ही माध्यम नहीं होकर सीखने और समझने का भी जरिया हैं। हमेशा ही अखबार सत्ता और व्यवस्था के समक्ष मुखातिब रहते हैं। सजग पत्र पत्रिका का प्रथम दायित्व होता है कि वह यह देखें कि हमारी व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश है तो उसकी ओर संकेत करें और व्यवस्था के संचालकों का ध्यान इस ओर आकृष्ट करें।

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