Thursday 8 July 2021

संंतुलन बनाने की भरपूर कोशिश

 कैबिनेट विस्तार…………………….

देवानंद सिंह

बहुप्रतीक्षित मोदी कैबिनेट का आखिरकार विस्तार हो ही गया है। इस कैबिनेट विस्तार में कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें 15 कैबिनेट और 28 राज्यमंत्री शामिल रहे। अब कुल मिलाकर मोदी सरकार के मंत्रियों की संख्या 77 हो गई है। कैबिनेट विस्तार के साथ कई दिग्गजों की छुट्टी हो जाना भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा को विषय बना हुआ है, क्योंकि जिन मंत्रियों की छुट्टी की गई है, उनमें ऐसे-ऐसे नाम शामिल हैं, जो मोदी सरकार की रीढ़ हुआ करते थे, इनमें केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल जैसे नाम भी शामिल हैं। फिलहाल, 12 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, नई कैबिनेट में 36 नए चेहरों को जगह दी गई है और 7 मंत्रियों का प्रमोशन कर उन्हें कैबिनेट रैंक दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि कैबिनेट में 7 महिलाओं को भी जगह दी गई है। कुल मिलाकर मोदी सरकार की यह कैबिनेट चुनाव, जातीय, क्षेत्रीय, गठबंधन धर्म, युवाओं और महिलाओं का संतुलन बनाए रखने की एक ऐसी कोशिश है, जो आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को साध सके। मोदी ने कम आयु के मंत्रियों को अपनी नई टीम में शामिल कर कैबिनेट की औसत उम्र भी कम करने की भी पूरी कोशिश की है। मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद अब टीम मोदी की औसत उम्र 58 साल हो गई है। यानि इस कैबिनेट में युवाओं को भरपूर मौका दिया गया है।



अगर, युवा जोश की बात करें तो मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल नए 36 मंत्रियों में 8 ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम है। पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से पहली बार सांसद बने निशिथ प्रमाणिक सबसे कम उम्र के मंत्री हैं। उनकी उम्र महज 35 साल है। वहीं, बंगाल के ही बनगांव से पहली बार सांसद बने शांतनु ठाकुर की उम्र 38 साल है। वह बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे पर उनके साथ गए थे। इनके अलावा ज्योतिरादित्य सिधिया (50), अश्विनी वैष्णव (50), अनुप्रिया पटेल (40), भभारती प्रवीण पवार (42), जान बरला (45) और एल. मुरुगन (44) की उम्र 50 साल या उससे कम है। मंत्री परिषद् विस्तार हो और चुनावी राज्यों को तरजीह न मिले, ऐसा कैसे हो सकता है। इसीलिए मंत्रिपरिषद विस्तार में चुनावी राज्यों का खास ख्याल रखा गया है। इन राज्यों में देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा शामिल हैं, इन सभी राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं। बड़ा राज्य होने की वजह से यूपी को विशेष तरजीह दी गई। इसीलिए इस राज्य से मंत्रिपरिषद विस्तार में सबसे ज्यादा 7 नए चेहरों को शामिल किया गया है। इनमें महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी, मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर, आगरा से एमपी एसपी सिह बघेल, खीरी से सांसद अजय मिश्र, पूर्व सीएम कल्याण सिंह के खास और राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा और जालौन से सांसद भानु प्रताप वर्मा को कैबिनेट में जगह दी गई है। वहीं, बीजेपी के सहयोगी अपना दल (एस) की प्रमुख और मिर्जापुर से सांसद



 अनुप्रिया पटेल को भी मोदी ने अपने कैबिनेट में शामिल किया है। अगर, पंजाब की बात करें तो यहां से मंत्रिपरिषद में भले ही कोई नया चेहरा शामिल नहीं किया गया है, लेकिन पहले से मंत्रीपरिषद् में शामिल हरदीप पुरी का प्रमोशन जरूर किया गया है। वहीं, उत्तराखंड से शिक्षामंत्री रहे रमेश पोखरियाल निशंक को हटाकर राज्य से अजय भट्ट को कैबिनेट में जगह दी गई है। मणिपुर में भी अगले साल चुनाव है, इसीलिए वहां से राजकुमार रंजन सिह को मंत्रिपरिषद में शामिल कर वहां के स्थानीय सियासी गणित को साधने की पूरी कोशिश की गई है। वहीं, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक से 4-4 नए मंत्री बनाए गए हैं, जबकि गुजरात से 3 और मंत्रियों को जगह मिली है। महाराष्ट्र में भी बीजेपी शिवसेना से अलग होने के बाद अपनी ताकत बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वहीं, यही स्थिति दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक को लेकर भी है, इसीलिए नई कैबिनेट में इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है।



मोदी ने नए कैबिनेट विस्तार में सहयोगियों को खुश करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। राम विलास पासवान के निधन के बाद मोदी मंत्रिपरिषद में सिर्फ रामदास आठवले ही गैर-बीजेपी मंत्री थे, लेकिन मंत्रिपरिषद् विस्तार में कई और नए सहयोगियों को जगह दी गई है। जेडीयू से आरसीपी सिह, एलजेपी के बागी गुट के पशुपति पारस और यूपी में अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल इन नए चेहरों में शामिल हैं। कुल मिलाकर नई कैबिनेट को ‘एनडीए कैबिनेट’ का रूप देने की पूरी कोशिश की गई है। मंत्रीपरिषद् विस्तार में जो एक और बात शामिल है, वह है क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश, इसीलिए मंत्रीपरिषद् में देश के हर हिस्से को जगह देने की कोशिश की गई है। चाहे उनमें हिंदी भाषी क्षेत्र हों या फिर पूर्वोत्तर, पश्चिम से लेकर पूर्वी और दक्षिण भारत हो। सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने की भरपूर कोशिश की गई है। दक्षिण में कर्नाटक के 4 मंत्रियों के अलावा तमिलनाडु से एल. मुरुगन को भी मंत्री बनाया गया है, जबकि मुरुगन संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। माना जा रहा है कि उन्हें थावर चंद गहलोत के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर बाकी के कार्यकाल के लिए राज्यसभा भेजा जा सकता है। बता दें कि गहलोत का राज्यसभा का कार्यकाल आगामी 2024 तक था।

मंत्रिपरिषद् विस्तार में शामिल किए गए नए चेहरों को लेकर जितनी चर्चा हो रही है, उतनी चर्चा उन मंत्रियों को लेकर भी हो रही है, जिनका प्रमोशन किया गया है और जिनकी मोदी कैबिनेट से छुट्टी की गई है। जिन मंत्रियों की छुट्टी की गई है, उनमें कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें मुख्य रूप से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्घन, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाा जावड़ेकर, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जैसे नाम भी शामिल हैं।


नई कैबिनेट में शपथ लेने वाले मंत्री


मोदी की नई कैबिनेट विस्तार में जिन मंत्रियों ने शपथ ली है, उसमें वरिष्ठता के क्रम में नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, विरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिधिया, रामचंद्र प्रसाद सिह (आरसीपी सिह, जेडीयू), अश्विनी वैश्नव, पशुपति पारस (एलजेपी), किरण रिजीजू, राज कुमार सिह, हरदीप पुरी, मनसुख मंडाविया, भूपेंद्र यादव, पुरुषोत्तम रुपाला, जी किशन रेड्डी, अनुराग सिह ठाकुर, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल (अपना दल), सत्यपाल सिह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा करणडालजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शन विक्रम, मीनाक्षी लेखी, अनुपपूर्णा देवी, ए. नारायणसामी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, बीएल वर्मा, अजय कुमार, देव सिंह चौहान, भगवंथ खूबा, कपिल पाटिल, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराद, राज कुमार रंजन सिह, भारती प्रवीण पवार, विशेश्वर टूडू, शांतुन ठाकुर, मुंजापारा महेंद्र भाई, जॉन बराला, एल मुर्गुन व निशित प्रमाणिक शामिल हैं। इसी सूची में जिन मंत्रियों को प्रमोशन दिया गया है, उनमें पुरुषोत्तम रुपाला, अनुराग ठाकुर, मनसुख मंडाविया, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी, जी किशन रेड्डी और किरेन रिजिजू शामिल हैं।


वहीं, जिन दिग्गजों को मोदी कैबिनेट से छुट्टी दी गई है, इनमें केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा, श्रम मंत्री संतोष गंगवार, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, वन और पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो, राव साहब दानवे, रतन लाल कटारिया, प्रताप सारंगी और देव श्री बैनर्जी जैसे नाम शामिल हैं। वहीं, गृह, रक्षा, वित्त जैसे बड़े मंत्रालयों के साथ प्रधानमंत्री ने कोई छेड़छाड़ नहीं है। अब, देखना होगा कि आगामी दिनों में मोदी की नई टीम को लेकर जनता और विरोधियों की तरफ से क्या रिएक्शन आता है।

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