Friday 11 March 2022

आप ने ली तीसरी अंगड़ाई ,जनता का विश्वास जीतने में एक बार फिर नाकाम हुई कांग्रेस

देवानंद सिंह

आप’ प्रमुख केजरीवाल ने कहा कि हम मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज स्‍थापित करेंगे. ऐसे में हम स्‍टूडेंट को यूक्रेन नहीं जाना पड़ेगा पिछले कई चुनावों में हार झेलती आती रही कांग्रेस के लिए पांच राज्यों में हुए चुनाव काफी उम्मीदों से भरे थे, लेकिन परिणाम ठीक पार्टी की उम्मीद के विपरीत आए हैं। पार्टी न तो उत्तराखंड में आ पाई है, बल्कि पंजाब में भी कई प्रयोग करने के बाद भी आम आदमी पार्टी से बहुत बड़े अंतर से हार रही है। आम आदमी पार्टी ने जिस तरह पंजाब में प्रदर्शन किया है, वह अपने आप में रिकॉर्ड है। आम आदमी पार्टी के लिए यह इसीलिए महत्वपूर्ण है,



क्योंकि वह दिल्ली से निकलकर किसी अन्य राज्य में सरकार बनाने में सफल रही है। आम आदमी पार्टी ने 117 विधानसभा सीटों वाली पंजाब विधानसभा में 80 से अधिक सीटें लाने का दम भरा था, जो एकदम सही साबित होते हुए दिखा है। फिलहाल, 92 सीटों पर आम आदमी पार्टी जीत दर्ज की है। जहां तक कांग्रेस की बात है, उसके लिए पंजाब जैसे राज्य को खोना बहुत बड़ा सेटबैक है। इसका सबसे बड़ा कारण हाल के महीनों में प्रदेश कांग्रेस में घटा घटनाक्रम पूरी तरह से जिम्मेदार रहा।चाहे कैप्टन अमरिंदर सिंह का पार्टी छोड़ना हो, नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी अध्यक्ष बनाना हो या फिर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाना हो। पार्टी का कोई भी प्रयोग पंजाब में कमाल नहीं कर पाया। पहाड़ी राज्य में भी उत्तराखंड में भी कांग्रेस सत्ता में आने की उम्मीद जता रही थी, लेकिन वह यहां सत्तारूढ़ बीजेपी को मात देने में सफल नहीं रही। यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच बड़ी टक्कर की उम्मीद तो जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं दिखा। बीजेपी बहुमत से अधिक सीटें जीतने में सफल रही है। उत्तराखंड में भी यह रिकॉर्ड बन गया है कि सत्तारूढ़ पार्टी रिपीट होने में सफल रही है और कांग्रेस को फिर से विपक्ष में बैठकर संतोष करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा, जबकि यहां स्वयं प्रियंका गांधी वाड्रा खुद चुनाव मैदान में थीं, उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव लड़ा, पर 403 विधानसभा सीट वाले राज्य में कांग्रेस दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंची है। मणिपुर और गोवा में भी कांग्रेस बीजेपी से पीछे है। गोवा में कांग्रेस के जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन गोवा में भी बीजेपी सत्ता तक पहुंच चुकी है।



इसीलिए कांग्रेस का हर जगह सुपड़ा साफ हो चुका है। लिहाजा,अब कांग्रेस को बहुत सोचने की जरूरत है। क्योंकि कांग्रेस हाईकमान का हर फैसला पार्टी के लिए बेहद ही नुकसानदायक साबित हो रहा है। इन सब परिस्थितियों में एक सवाल खड़ा होता है



 कि क्या कांग्रेस आने वाले चुनावों में भी इसी तरह निराशाजनक प्रदर्शन करती रहेगी या फिर पार्टी संगठन में बदलाव कर कुछ बेहतर परिणाम हासिल कर पाएगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस इस बड़े गैप को जब पूरा कर पाएगी।

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