*चुनाव परिणाम: राहुल की शानदार वापसी*
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। तीन बड़े राज्यों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने में सफल रही है। यह कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव की खुशी ही नहीं है, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए एक ऐसी संजीविनी भी है, जिसमें पार्टी को बीजेपी के खिलाफ लड़ने की नई ताकत भी मिलेगी और कुछ बेहतर रिजल्ट की उम्मीद भी रहेगी। लोकसभा चुनाव के सेमिफाइनल में जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शानदार वापसी की है, उससे बीजेपी को झटका तो लगा है और उसके लिए चिंता की ऐसी लकीर भी खींच दी है, जिसमें उसे आत्ममंथन करने की सख्त जरूरत है, क्योंकि केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली से सर्वणों का पूरी तरह मोह भंग हुआ है। वादे कुछ और किए गए थ्ो और काम कुछ भी नहीं किया गया, जिससे बीजेपी के लिए स्थितियां काफी विपरीत होती जा रही हैं।
अगर, आगामी दिनों में भी यही स्थिति रही तो आगामी लोकसभा चुनाव में बाजी मारना बीजेपी के लिए बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। बीजेपी सर्वणों के बल पर चुनाव जीती थी, लेकिन सत्ता में आते ही जिस प्रकार उसने सर्वणों को सत्ता संगठन से दूर किया, उससे सर्वणों के बीच बीजेपी के प्रति काफी नाराजगी है।जनादेश ने साफ तौर पर बतलाया है कि जादू या जुमले से देश चलता नहीं और मंदिर नहीं सवाल पेट का होगा । सिस्टम गढा नहीं जाती बल्कि संवैधानिक संस्थाओ के जरीये चलाना आना चाहिये ये अभी पांच ही राज्यों के चुनाव हैं, अन्य राज्य भी इसी तरह से खिसकते गए तो बीजेपी के हाथ से बहुत राज्य खिसक जाएंगे। इन परिणामों से केंद्र सरकार को सबक लेने की जरूरत तो ही है बल्कि दूसरे बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों को भी आत्ममंथन करने की जरूरत है।
खासकर, झारखंड के सीएम रघुवर दास को भी इन परिणामों से सबक लेने की जरूरत है। अगर, समय रहते आत्ममंथन नहीं किया गया तो वह दिन भी दूर नहीं होगा, जब मध्यप्रदेश, राज्यस्थान और छत्तीसगढ़ की जैसी स्थिति हो जाएगी। मध्यप्रदेश में कई वर्षों से बीजेपी शासन चल रहा था और कांग्रेस ने 115 सीट जीतकर बड़ी जीत हासिल की है। वह मजोरिटी से महज एक सीट पीछे है, जिसे वह अपने पाले में कर ही लेगी। वहीं, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सबसे बड़ी हार हुई है। यहां भी रमन सिंह के नेतृत्व में कई वर्षों से सरकार चल रही थी, लेकिन इस बार बीजेपी को यहां महज 15 सीटों पर ही सिमटना पड़ा और कांग्रेस 68 सीट जीतने में सफल रही। राजस्थान में कांग्रेस 1०1 सीटें निकालने में सफल रही, जबकि बीजेपी को 73 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। कांग्रेस अगर, सेमिफाइनल निकालने में सफल रही है तो निश्चित ही उसकी फाइनल के प्रति भी उम्मीद बढ़ जाएगी।
Tuesday, 11 December 2018
चुनाव परिणाम :राहुल की शानदार वापसी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कोल्हान की सियासी चुनौती
देवानंद सिंह झारखंड की राजनीति हमेशा से ही अपने उतार-चढ़ाव के लिए जानी जाती रही है। इस बार भी यही देखने को मिलेगा। पूरे झारखंड की बात छोड़...
-
देवानंद सिंह आखिरकार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की सियासी मैदान में एंट्री हो गई है, बकायदा, उन्...
-
बीजेपी की पहली सूची में संतुलन बनाने की भरपूर कोशिश देवानंद सिंह लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जिस तरह से बीजेपी केंद्रीय चुनाव...
-
हिमाचल संकट व चिराग कोल्हान तो बस झांकी है, कांग्रेस को अपने परंपरागत गढ़ों में झुलसाएगी राम मंदिर बायकॉट की तपिश देवानंद सिंह लोकसभा चुनाव ...
No comments:
Post a Comment